उसका चेहरा एक खूबसूरत नक़ाब ।
विष छुपाकर दिखाता मीठे ख्वाब ।।-
12 MAY 2019 AT 14:25
मां
रात जागती नैन जलाती,
बचपन चैन से सोता है ।
गोद सहस्र कमलों-सा खिलकर,
नरमी-खुशबू देता है ।
जिसके अपने रक्त कणों से,
जीवन नया पनपता है ।
आंचल की शीतल छाया,
जीवन भर ठंडक देता है ।
न दुख अपना न सुख अपना,
सुख बच्चों का भाता है ।
उसके बस मुस्कान मात्र से,
उसमें जीवन भरता है ।
और किसी में न ये क्षमता,
वो दिल मां का होता है ।
तभी तो सारा जग संकट में,
मां-मां रट लगाता है ।-