चलो आज तुम्हें,
अपने मिज़ाज से रूबरू करवाता हूँ,
तुम चाय का बंदोबस्त करो !!
मैं समोसे ले कर आता हूँ ।।।-
वो क्या जाने हमारी तड़प😟 को,
वो तो अपनी मर्ज़ी से हमसे बात करते हैं!!
और हम अपना हाल-ए-दिल कैसे बयाँ करें यारों,,
हम तो सिर्फ़ उनकी मर्जी का इंतज़ार करते हैं ।।😔-
ख़ामोश रहकर ...
चलो अब तुमको आज़माता हूँ !!
देखता हूँ ...
अब मैं तुमको कब याद आता हूँ ।।
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ये भ्रष्टाचार,
ये बलात्कार,
ये अत्याचार,
ये इतने ज्यादा बेरोजगार,
सब ठगविद्या का ही कमाल है !!
ये ठग जन्म से ही नहीं होते ,
इन्हें भी किसी ठग के द्वारा ठगा जाता है,
या फिर लालच या मजबूरी इन्हें ठग बना देती है।।
हालांकि फिर भी सच्चाई और ईमानदारी के,
बहुत से जीते जागते उदाहरण,
हमें रोज मिलते रहते हैं ।।।-
पढ़ने का शौक़ तो हमें भी था,
पर तुमने मेरे लिए कुछ लिखा ही नहीं !!
और जो मैनें तुम्हारे लिए लिखा,
वो तुमने कभी समझा ही नहीं ।।-
अब कोई पसंद आ भी गयी तो इज़हार नहीं करूँगा,
बेवफाई तो न मिली..
लेकिन जिससे बेइंतहा प्यार किया वो भी न मिली !
इसलिए अब दोबारा प्यार नहीं करूँगा ।।-
पसंद आ रहीं हैं लोगों को शायरियां मेरी,
लगता है इश्क़ में , मैं अकेला बर्बाद नहीं ।।।-
लोग जिसे मेरी शायरी समझ रहे हैं !!
असल में वो किसी से कुछ अधूरी शिकायतें हैं...-
मिले कभी फ़ुर्सत तो महसूस करना...
मेरे हर अल्फाज़ में ज़िक्र तुम्हारा है !!-