QUOTES ON #KALAM_E_KESHA

#kalam_e_kesha quotes

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3 MAY 2018 AT 21:08

अब्र-ब-अब्र बरसते गये मगर
दश्त-ए-आज़ को इत्मीनान कहाँ।

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30 APR 2018 AT 10:51

लिबास हो आख़िरी इस उम्मीद से परवरदिगार,
मैं मक्सद-ए-हयात पूरा किये जा रही,
कि वो वस्ल ही क्या जो तुझसे ना हुआ,
मैं ज़ख्म-ओ-सब्र के घूँट शरबतों मानिंद पिये जा रही।

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4 MAR 2018 AT 17:29

चलो मुआयना कर आते हैं शहर का,
पत्थर के हैं कितने घर कितने रिश्ते।

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5 FEB 2018 AT 8:34

रंज-ए-आशना तो हाल-ए-दिल है,
मेरी दिल्ली तो सनम बेवजह बदनाम है।

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25 FEB 2018 AT 21:49

ग़म की कमी महसूस ना हो इस फ़रेबी से दिल को
तो ग़ैरों के अश्कों से अपनी आँखें नम कर लेती हूँ,
ज़हमत नहीं उठाती नीलाम हो चुके शौक रखने की
बस होश में रहने के लिये नशा कर लेती हूँ।

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26 APR 2018 AT 10:54

तब फ़िराक-ए-मंज़िल में कुछ रात जागना बाकी था,
अब बाइस-ए-इज़्तिरार है वो विसाल जो होने को है।

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1 FEB 2018 AT 0:35

सुनिए,
ज़रा एहतियात बरतिएगा,
सुरमई सर्द रुख़सत हो रही तो क्या,
मौसम आ रहे हैं गुलाबों वाले।

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28 JAN 2018 AT 22:42

बड़ा असर करते हैं ज़िंदगी पर, वक्त के पड़ाव,
तुम जहाँ बुलाते हो, गुज़र चुके अब वहाँ से हम हैं।

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6 MAR 2018 AT 9:16

उनकी साँसें भी किसी की मोहताज होंगी शायद,
खुली हवाओं मे दम यूँ ही तो नहीं घुटा करते।

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23 FEB 2018 AT 14:09

साअत-ए-इज़्तिरार में हमें खुदा कह बैठे,
फ़ितूर जब उतरा तो वो नास्तिक हो गये।

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