इन रातों को छोड़कर.
अब कोई तुम्हारी ज़िक्र तक नहीं करता..-
26 OCT 2020 AT 15:43
कितने खूबसूरत मुझे लगते थे तुम.
कितना बेहतर मैं तुम्हे समझता था.
अफ़सोस कितना गलत मैं था..-
30 JUL 2020 AT 15:09
मोहब्बत है तुमसे बेइंतहा, तुम्हें बताना मुश्किल है.
तुम्हें पाने से कई ज्यादा, तुम्हें भूल जाना मुश्किल है..-
1 AUG 2019 AT 16:31
तुम्हें तो मुझसे अच्छा मिल ही गया,
अब मुझे तुमसे कोई अच्छा मिलना बाकी हैं।-
19 JUL 2019 AT 15:58
मैं जो करीब से होकर गुज़रु,
बिखर जाता है.
मुझमे कुछ यूँ वो निखर जाता है,
मैं संभालता हूँ खुद को.
तब तक कही दूर वो निकल जाता है..-