रिहाई की गुज़ारिश नहीं करते ये कैदी,
इश्क़ की जेल से जमानत कैसी ?-
भोले बाबा कोरोना न या ज़िंदगी ऐसी बना दी,,
ईसा लगे है, कि मेरको जेल की सजा तो नही हो गयी ☹️☹️☹️☹️-
नफरत है मुझे तेरी तेरी आंखों से
जब भी देखता हूं इनमे फस जाता हूं
साला पता नही ऐसा क्या नज़रो का खेल है
तेरी है तो प्यारी आंखे, पर मेरे लिए jail है😍😍😍-
शांति के लिए लड़ते हुए मरना बेहतर है,
फिर अपने जीवन के सभी दिन कैदी बने रहें।....
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THE PATH OF CRIME
MAY BE VERY VELVETY
BUT IT ALWAYS ENDS
IN THE JAILS BLANKET-
Yaad aati hai wo school ki bell,
Wo ground pe cricket ka khel,,
Kisise na koi shikwa nahi koi mail..
Lekin ab sab badal gaya hai,,,
Aur ho gayi hai bachpan ko apne yadoo me jail....-
Patni.....
Bolne me dusre ghar ki bahu hoti h
Lekin saas sasur k samne jail me rehna pdta h usko
Bina icha k bhi pati ko khush karna pdta h usko
Devar ni nigaho se bachna pdta h usko
Ye sb sehna pdta h ek bahu ko...
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जिंदगी थी मेरी,
बना दिया उसे खेल,
औरों के लिए थी खिड़की,
मेरे लिए थी जेल।
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