अच्छी- अच्छी चीज बनाने के लिए सामीग्री बस लाकर देदो ।😂
-
औरत को जहां अपनापन मिलता है
वही झुकती है और उन्हीं बाहों की दरमियां
अपना सर्वस्व मान लेती है औरत समर्पण करती है
अपना उन्हीं बाहों में जहां उसे लगता है वो महफूज़ है-
रसोई से माचिस की डिबिया उठा लेता हूँ
तीलियों से बनाता हूँ बस कुछ यूँ ही,
जब बहुत ऊब जाता हूँ,
रेलवे स्टेशन चला जाता हूँ
आती-जाती रेलगाड़ियों की नेम प्लेट पढ़ता हूँ
और डिब्बों की गिनती करता हूँ !
रास्ते से उठा लेता हूँ एक पत्थर
उससे दूर तक फुटबॉल खेलता चलता हूँ
किसी नाली को गोल-पोस्ट मानकर पेनल्टी लेता हूँ !
स्टेपलर, मोबाइल, रिमोट, पेन
दो अंगुलियों के बीच फंसाकर घुमाता हूँ
गिनती करता हूँ एक चक्कर में कितना घूमे !
छत पर होता हूँ तो डारें को खींचता हूँ छोड़ता हूँ
उसके कंपन की आवाज से आनंदित होता हूँ !
जब दुनिया बहुत कुछ कर रही होती है
मैं कुछ नहीं कर रहा होता हूँ,
चीज़ों के बीच
बस एक चीज़ बन कर रह जाने का सुख
कोई छोटा-मोटा सुख नहीं है..!
#iampradeepofficial-
पुरुष त्याग देते है प्रेमिकाओं को
माँ के आंसुओं के आगे,
अपने नाम के साथ जुड़े
पिता के नाम के लिए,
बिन ब्याही बहन के
भविष्य के लिए,
समाज के द्वारा लगाई गई
तमाम अटकलों के आगे,
काश.. माँ एक मुस्कान से
स्वीकार कर लेतीं उसका प्रेम,
काश पिता पीठ सहलाकर
दे देते मौन समर्थन, काश लोग
ना जोड़ते उसकी भावनाओं
से उसकी बहन का चरित्र,
काश समाज समझ पाता कि
विवाह के पहले किया गया प्रेम भी
उतना ही पवित्र होता हैं,
काश कोई ये जान पाता !!
@iAmPradeepOfficial-