"बोल कडवे है, मगर सच्चे हैं"
तुम जीने का ईमान भुलाकर,
जो दौलत का गुमान लिए बैठे हो..!!🙄
ना जाने कितने ही, गुनाहों में शरीक़ होकर,
अब हाथों में अपने, गीता-कुरान लिए बैठे हो..!!😐
मज़हब की आड़ में, ना जाने कितने ही घर जला दिए,
क्या दिलों में अपने, यहीं हिन्दुस्तान लिए बैठे हो..??🤨
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