मेरा दिल कुछ पाक सा हो चला है
मुझे नहीं पता किस कदर
पर लगता है इंसान सा हो चला है
वो इसांन जो हर बुराई से दूर,
और अच्छाई पर चला है
हर सुख-दु:ख पर,
हर किसी के साथ चला है
इस दिल को भी ऐसा ही कुछ एहसास हो चला है
मेरा दिल अब इंसान हो चला है ;
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