आंखों का अपनी तू गलत बयान न दे ,
मोहब्बत को मेरी पुराने खतों का नाम न दे ,
मुझे भी लगा इस वक्त हम सफर में एक दूसरे के साथ थे , एक काम कर मेरा सारा वक्त वापस कर और अपने अहसासों का हिसाब न दे ,
कसूर इन आंखों का था जो मैंने तुझी से प्यार किया था ,
अब इसे तूं दिल का नाम न दे।
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