ज़िन्दगी हर नये मोड़ पे सवाल खड़े कर देती है,
और जवाब मिलने पर सवाल बदल देती है।।
जिंदगी के इस निराले से खेल में जब भी मैं जीत के करीब होता हूं ,
तभी वो नियम बदल देती है , और मै वापस नाराज़गी का रुख़ अपना लेता हूं।।
ऐ जिंदगी माना तू कठीन है तुझे समझना
लेकिन फ़िर भी मेरा मन वापस बदलकर ख़ुद के नाम बहुत कुछ कर जाती है।।
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16 AUG 2020 AT 15:06