लफ्जों में खता रख, गले का हार नहीं हूं.
जीत की तलब हूं, किसी का यार नहीं हूं
उम्दा गजब शायरी ये हुनर कहां किसी का.
ये लफ्ज सब रहमत के, मैं कोई सार नहीं हूं.
जमीर से ईमां तक बहुत सौदे किये तुमने
सौदा मैं भी हो जाऊं गर कोई बाजार नहीं हूं.
फूल लेके मिलने जुलने मत आया कर दोस्त .
ज़िन्दा हूं अभी बशर मरा कोई मजार नहीं हूं.
शादी इश्क की गम मोहब्बत का नाच उठा .
शौक से नाचता हूं पर कोई नाचार नहीं हूं.
-
What is poetry,
if not
on your shirt,
a baby's drool?
In serious moments
what makes you
wanna turn into
a fool.-
दो फूल रखने से जल गया मजार में कोई
सुखे पतों सा कर फिर से कारोबार कोई.
सादगी की धूल आज भी लिपटी है मुझसे
खिड़की से अब देखता नहीं बारोबार कोई.
महबूब की अदा ने बेशक अदाये बदल दी .
हुक्म मत दे मैं गुलाम ना तेरा पहरेदार कोई.
हकीकी वफा से बेवफा सब उफान में रहा.
गाजी खामोश हो गया दरिया शोरदार कोई.
रोजगार पाने में राहगीरों के जूते गिसते गये
दुआ हुई है बेअसर अंकुर जर जोरदार कोई.
-
You know, People from a distance can't tell who is FOOL if you are ARGUING with a FOOL.
-
देर तक करता रहा
मन्दिर की सीढ़ियों पर
उसका इन्तज़ार,
वो फूल लाई भी तो भगवान के लिए...।-
Aren't we all fools?
At one point or another
Being fooled by glitter and glamour
Chasing after what doesn't matter
Being fooled by the needs of society
Where we live in constant anxiety
Being fooled by the mist and illusion
While we round up on others in confusion
Yes we are fools, unaware yet aware
That we live in a devil's nightmare
-
फूलों से होते हैं रिश्ते भी,ध्यान ना दोगे मुरझा जाएँगे
प्यार से सींचा करो इन्हें,तुम्हारा ही आँगन महकाएँगे।-