हँसना, रोना, जीना वो सब क़िरदार निभाती है,
हाँ वो लडक़ी है सबसे जीत, तुमसे हारना चाहती है।
तिनका तिनका बुन कर घर को घर बनाती है,
हा वो लड़की है जो माँ कहलाती है।
जो एक तेरे लिए दुनियाँ से लड़ जाती है
हा वो लड़की है जो बहन कहलाती है।
सारे उलाहने, सारे बंधन, सब झेल जाती है,
हाँ वो लड़की है जो खुद हार तुमको जीता जाती है।
ख्वाईशें,प्यार, सब कुछ छोड़ देती है।
हा वो लड़की है जो बाप की इज़्ज़त न जाने देती है।
ये समाज जिसे तुच्छ समझता है
हा वो लड़की है जो बिना गलती पति के आगे झुक जाती है।
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