QUOTES ON #ECHOESOFELEGANCE

#echoesofelegance quotes

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12 MAY AT 19:07

🌿🌿

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11 MAY AT 19:00

🌿जहां बचपन की हँसी हवा में गूंजती है,
जहां कोई बिना कहे पानी का गिलास बढ़ा दे,
जहां दो आँखें बात किए बगैर समझ जाएं —
वहीँ कहीं, चुपचाप, प्रभु खिलखिलाते हैं 🌿

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22 MAY AT 16:15


आज की चाय ज़रा अलग थी …
भाप में प्रश्न थे ---
और कप के भीतर मौन .

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17 JUN AT 12:31

न हिज्र की ताबी है, न वस्ल की आरज़ू !!
इश्क़ की रूहानी चौखट पर बैठा है दिल!

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2 JUL AT 11:11

नाम से उसके अब पैग़ाम नहीं आते…
पर दिल,
उसी एक नाम की समाधि बन गया है !!!

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9 JUL AT 8:08

तुम कहते हो कि इत्मीनान से पढ़ोगे मेरी कविताएँ,
मैं कहती हूँ ,,
मैं तो अपने अक्षरों में
अपना समूचा शरीर सजा चुकी हूँ ,
ताकि तुम मुझे पढ़ते नहीं ,
छूते जाओ ,स्पर्श के उस विज्ञान से ,
जो केवल प्रेमियों को आता है !!

जब तुम्हारा मन थक जाएगा
संघर्षों की आवाज़ों से,
मैं अपनी शिराओं में ,
शब्दों की एक ठंडी नदी बहा दूँगी
जिसमें तुम अपनी उँगलियाँ डुबोकर
अपनी ही थकान को मिटा सको!! 💕

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15 JUN AT 8:08

उनका जाना कोई क्षण नहीं था,
बल्कि एक युग का अंत था —
मेरी स्मृति में।।

पापा कभी बोले नहीं “मैं हूँ”,
पर जब नहीं रहे — तब हर जगह
उनकी कमी बोलती है ॥
🙂

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5 JUN AT 7:07


प्रेम,तर्क से परे नहीं है !!!!
बल्कि वो एक उच्च गणित है —
जहाँ भावनाएँ सूत्रों में नहीं,
स्पंदनों में हल होती हैं !!!!

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23 MAY AT 12:45


ख़ुदा ने तेरे ज़ख्मों को गुलाब कहा!!
वापसी-ए-ख़ला को आयत बनाकर!

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25 MAY AT 10:24


"मैं कोई उपनिषद नहीं..."

(यथार्थ प्रेम की एक स्वीकारोक्ति)

सुनिए अनुरागी,
मैं आपके प्रेम में कोई उपनिषद नहीं बनना चाहती —
न प्रतीक्षा की देवी, न वह सूक्ष्म दीया
जो बिना किसी वातास के भी मौन जलता रहे..

मैं चाहती हूँ कि आप लौटें...
हाँ, सीधे-सपाट, बिना किसी दर्शन के बोझिल संकेत के _
जैसे क्षुधा में कोई रोटी स्मरण होती है,
या शीत में किसी पुराने शॉल की गरिमा !!!

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