QUOTES ON #DIVQUOTES

#divquotes quotes

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9 JAN 2020 AT 12:36

#divQuotes

आवाज़ मत उठाना कोई
हुकूमत का पैग़ाम है
लोकतांत्रिक भूमि पर इस
नाज़ी का क्या काम है

तुम्हारी सच्ची बातों से वो जाने इतना क्यों घबराते हैं
के वो तुम्हे डराने के खातिर फिर लाठियों से पिटवाते हैं
ना जाने इन्हें ये किस बात का गुरूर है
आज है कल नहीं होगा वो सत्ता में जो हुज़ूर है

ज़रा भी उनसे डरना मत,
ज़रा भी पीछे हटना मत
हम सच को छुपने देंगे ना
हम सर को झुकने देंगे ना

नफ़रत फैलाने वालों को मोहब्बत हम सिखाएंगे
इस ज़हरीली सोच के खिलाफ इंकलाब हम लाएंगे




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2 MAR 2020 AT 0:26

"निशान बाकी हैं"

ज़ख्म दिए गहरे फिर भी
चेहरे पे मुस्कान बाकी है
मिटा दी हस्ती उसकी पर
अब भी कुछ निशान बाकी हैं

इन गहरे सन्नाटो में बसी
किसी की पुकार बाकी है
काट ली कैदे कई फिर भी
कुछ संगीन इल्ज़ाम बाकी हैं

छिपी इस बस्ती में उस
नाचीज़ की पहचान बाकी है
जाने किसके लिए लिख छोड़े
वो सारे पैग़ाम बाकी हैं

संजोकर बैठा था किसी के खातिर
वो सारे अरमान बाकी हैं
किसी की शिकायत को लिखे थे उसने
वो सारे फरमान बाकी हैं

गुज़र चुका जनाजा भी उस शाम ही
फिर भी हर सुबह लगता है जैसे
कुछ निशान बाकी हैं।।

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12 NOV 2019 AT 14:18

के फिर किसी से ऐसी मोहब्बत हो जाए
ये दिल फिर किसी से धोखा खाकर रो जाए
रब न करे
के कोई किसी के प्यार में इतना खो जाए
के फिर उसे प्यार से ही नफरत हो जाए

रब न करे
के फिर किसी से ऐसी मोहब्बत हो जाए

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30 SEP 2019 AT 1:03

#divQuotes

Harr Alfaaz aisa ke maano ek aaina,
Uski surat hubahoo utaar di
Shayar banakar iss Nacheez ko,
Usne seerat meri sawaar di..

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2 OCT 2019 AT 22:12

पांडवों की वीरगाथा तो, सम्पूर्ण संसार सुनाता है
अपितु उन पांचों की छाया में, छठा वीर खोजाता है
ना पाया कभी वो दर्जा, जिसका वह हकदार रहा
सूर्यपुत्र होने का गौरव भी जिसके लिए अभिशाप रहा।

जो भीम सा था बलशाली , अर्जुन सा तीरंदाज़
जो धर्मराज की ही भांति था धर्म का पालनहार
मर जाते चारों पांडव, जो न होता जीवनदान दिया
जीवित लौटेंगे पांच पुत्र, इस वचन का उसने मान किया।

क्या है उस जैसा भी वीर कोई ,जो कुरुक्षेत्र में आया हो?
क्या है उस जैसा दानवीर, जो दुनियाभर को भाया हो?
मित्रता ऋण चुकाकर उसने ,खुद का भी बलिदान दिया
मित्र धर्म निभाने के खातिर अपनों पर ही वार किया।

क्या क्षति सही होगी क्षत्रिय ने, जब सबने था सूतपुत्र पुकारा
जब शिक्षा भूलने का श्राप देकर, गुरु ने भी था उसे नकारा
क्या होता जो ना देता वो कुंडल - कवच उतार
क्या होता जो कर पाता वो ब्रह्मास्त्र से वार।

आमने - सामने दोनों वीर, अब तो था बराबर का मौका
फिर प्रभु क्यों ये धोखा, आखिर क्यों रथ का चक्का रोका
शर्म ना आई अर्जुन को भी, चलाया जब धोखे से बाण
युद्धधर्म निभाकर तो लेता , इस धर्मश्रेष्ठ के प्राण

हस्तिनापुर के सिंहासन पर, उसका असली अधिकार था
पर उस कुंतिपुत्र के भाग्य में, अपने ही अनुज से मिला वो बाण था
युद्ध हारकर भी विजयी रहा , श्रेष्ठ उसका वर्ण था
महाबलशाली दानवीर वह, महामृत्युंजय कर्ण था।।

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26 FEB 2020 AT 21:19

आओ मिलकर ज़ख्म भरें,
एक दूजे को माफ करने का
फिरसे कुछ प्रयत्न करें
आओ मिलकर ज़ख्म भरें,
बिखरे है कुछ टुकड़े लम्हों के
उन्हें जोड़कर स्मरण करें
आओ मिलकर ज़ख्म भरें,
भूल पुराने शिक्वो को
नए आज में कदम बढ़ें
आओ मिलकर ज़ख्म भरें।

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4 OCT 2019 AT 23:55

जीवन में एक मित्र श्री कृष्ण जैसा होना ज़रूरी है
और एक दानवीर कर्ण जैसा भी।

एक जो आपको हमेशा सही रास्ता दिखाए और
एक जो आपके लिए किसी भी राह पर चल जाए।

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11 NOV 2019 AT 20:40

Filhal to yun hai ke kuch kar nhi skte,

Tujhe apna bnaye bina to yun hum mar nhi skte
Aur Tere bin to ab ek pal bhi aahein bhar ni skte
Kuch yun majboor hai ye dil bhi barso se
Par Jazbaat hain jo bhi dil me , lafzon me utar nhi skte
Filhaal to yun hai ke kuch kar nhi sakte....

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12 AUG 2020 AT 10:02

एक दिन तो यूं होगा,
के मेरा भी कुछ नाम होगा
दुनिया की नज़रों में,
बेहद ऊंचा मुकाम होगा
सिर उठा कर देखेंगे सब यूं,
के कथाकारों की दुनिया में
एक और नाम शुमार होगा।

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22 MAR 2020 AT 23:25

आओ कुछ कलाकारी करते हैं,
आओ इस अंधेरी रात को रंगो से भरते हैं,
आओ लिख देते हैं कुछ बीती रातों के अ़फसाने,
आओ टटोल आते हैं कहीं छिपे हुए वो मयखाने,
आओ सोजाते है चैन की नींद आज रात भर,
आओ दिन भर की कहानी लिखें
रात की दीवार पर.

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