Nelson Mandela :- " एक गांधी विचार वादी अश्वेत "
जहाँ बांटी जा रही थी हर एक सुविधा , रंगभेद के आधार पे ..
वही कुरेते जा रहे थे अश्वेतों के जख्म , अश्वेत होने के आधार पे ..
शुरू की जा चुकी थी अधिकारों की लड़ाई , अहिंसा के रथ पर ..
एक जुट हो रहे थे बंदिशों में लिपटे अश्वेतों के पांव , गांधी विचार वादी पथ पर ..
गुजार दी जीवन के 27 साल , अश्वेत रूपी अंधकार में ..
नहीं टूटे एक अश्वेत के हौसले , अपने अश्वेतों के हक की पुकार में ..
वह शख्स नहीं मसीहा था , समस्त अश्वेत जाति का ..
बदल डाली उसने 'अश्वेत' के मायने , अधिकारों से पनपे क्रांति का..
कर गया वो अमर नाम ,अफ्रीकी इतिहास के सुनहरे पन्नों में ..
करवा दिए दर्शन उसने , अश्वेत के श्वेत रूप से तमाम श्वेतों के दिलों में ..
मिटनी बाकी है ये रंगभेद रूपी कलंक , इस समाज के निर्मल मस्तक से ..
जारी हैं अधिकारों की ये जंग , इस उभरते समाज के अश्वेत विचारों के दस्तक से ..
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jaat dharm par ladne waale
kabhi kam nahi honge
yeh ladte hai aur
ladte rahenge
par kabhi ek nahi honge
koi hindu toh
koi muslman hoga
koi sikh toh
koi christian hoga
par issey pehle yeh kabhi
ek insaan nahi honge-
उस मां से ही जन्मे सारे
उसके प्यार के है ढंग न्यारे
चाहे हो तुम मोटे, काले
चाहे हो लाखों कमियां तुममें
फिर भी प्यार तुमसे करती प्यारे
उस मां से ही जन्मे सारे
फिर भेदभाव क्यूं करते सारे!!!
😔😔😔
(Must read caption)-
Discrimination could be done
on basis of thinking of a person
not by casteism or colour.-
डोम - राजा :- "स्वर्ग के अछूत द्वारपाल"
श्मशान का राजा हूं , समाज से अछूता हूं ..
नहीं करता शवों से बैर , अपने कर्मों से जाना जाता हूं ..
अनंत काल का वासी हूं , महादेव के श्राप का भागी हूं ..
मिल गई अपने कर्मों की सजा , कुदरत के न्याय का अभागी हूं ..
पकते हैं मेरे निवाले , चिते से आई लकड़ी में ..
मिलती है मुझे शांति , इस जलते चिते को देखने में ..
व्याकुल है ये आंखें , कुछ शवों के श्मशान में आने पर ..
तड़प रहे हैं मेरे प्राण , इन्हें मोक्ष की प्राप्ति करवाने पर ..
नहीं है इजाजत समाज के , विभिन्न अवसरों में शामिल होने को ..
आखिर 'क्यों' !! मिली इजाजत , चिते की राख में मलिन होने को ..
थक चुका हूं , इस समाज के अछूत नजरिए से ..
पीस रही है हमारी पीढ़ी , जातिवाद रूपी समाज की चक्की से ..
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कुछ देर पहले
था गुलाबी पसंद उसको कुछ देर पहले
अब मर्द है वो,
ऐसे कैसे गुलाबी को अपनी पसंद कहले
दिल दुखे तो रो देता था वो कुछ देर पहले
बच्चा नहीं मर्द है वो,
अब मजाल जो आँखों से आंसू बहले।-
Don't put on jeans
Or own a phone!
What's the need to
Even step out of home?
Don't laugh aloud.
Neither sing nor sway.
Oh, no no no!!!
Don't inhale oxygen darling!
What will people say?-
I'm not hindu.
I'm not muslim.
I'm not sikh.
I'm not Christian.
I'm not black.
I'm not white.
I'm not poor.
I'm not rich.
I'm not boy.
I'm not girl.
I'm not transgender.
I'm HUMAN first!!
Humanism is my creed.
Humanity is my festival.
Even our god don't discriminate.
Even our shadow don't discriminate.
Even our blood don't discriminate.
Who is society to do one?
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