Dil'chasp To Hain Mohabbat Ki Baatein,
Par Kya Karen Filhaal Aql Ne Saath Nahi Chhoda Humara-
Ye umr guzaar denge tujhe chaahne me
lakin sach bataaen toh
koi dilchaspi nahi hai abb tujhe paane me-
रोशनी की ज़रूरत थी तो दीया बुझा दिया
मोहब्बत की जब अंधेरे से हमने तो शमा जला दिया
शोर की आदत थी हमें तो सन्नाटा फैला दिया
खामोशी में जब लीन हो गए हम तो हमे बेजुबान बता दिया
जिस काम में दिलचस्पी थी उसे गैरकानूनी करार दिया
जब काम छोड़ दिया हमने तो हमे नकमा और नकारा बता दिया
चर्चे इतने थे हमारे की हमारा नाम अखबार में छाप दिया
इसी तरह तो हमसे हमारा गुनाह कुबूल करवा लिया
वो चार लोग भी कुछ नहीं कहते हमारे बारे में
कि हमारी काली करतूतों ने उन्हें अब थका दिया
-Shiksha
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बड़े दिलचप्स होते वो लोग....
जो शर्मिंदा हो जाते हैं, बिना खता किए
सिर्फ अपनों के लिए......!-
आपका काम नहीं है साहब हमारी कहानी में दिलचस्पी लेना
ये दर्द की गठरियाँ नसीब मेरे हैं मैं खुद इसे संभाल लूंगा-
میں بھی تیری چاہت کا پروانہ لیکر گھومتا تھا
لیکن تیری شمعِ چاہت میں روشنی نہ ملی
मैं भी तेरी चाहत का परवाना लेकर घूमता था
लेकिन तेरी शम्माए चाहत में रौशनी मिली-
मुझे आशिक की नहीं एक दोस्त की चाहत थी जो किसी का आशिक़ ना हो और सिर्फ मुझमें दिलचस्पी रखे,
लेकिन बदकिस्मती तो देखो जो भी दोस्त मिला सब पक्का आशिक निकला जिसे मुझे छोड़कर बाकी सब से मतलब थी ।-
कोई उम्र भर बेखबर रहा
मेरे अल्फाजों से
तोह किसी को मेरी
खामोशी में भी दिलचस्पी है-
समय-समय पर ही समझ आती है सबकी दिलचस्पी,
बुरे वक़्त में जब छोड़कर जाते हैं "अपने" सभी...-