नही करनी मोहब्बत इस्का कोई बहाना बना रहे हो,
या और थोड़ी मोहब्बत करने की कोई वजाह ढूँढ़ रहे हो!
मुझे सोचकर तुम कोई अफसान नही
खुदकी बेमिसाल दास्तान बून रहे हो !!!!-
देख के मुझे, राह बदलने लगे हैं लोग
टूटा समझ मुझे,नजर अंदाज करने लगे हैं लोग
जहां भीड़ थी,अब सन्नाटा है उधर
लगता है मुझे मरा हुआ समझने लगे हैं लोग।-
ये पंक्तियां मेरी
सिर्फ तेरे लिए हैं
मेरा हर एक लफ्ज़
हर अल्फाज़ तेरे लिए हैं
मैं हूं तेरे लिए
तु किसी ओर के लिए हैं
सोचा तुझे जिंदगी की सारी
खुशियां दूं
अब हर एक गम तेरा
मेरे लिए हैं
मेरे लिए दो गज ज़मीन
तो खुला आसमान तेरे लिए हैं
मेरे लिए अमावस्या
तो चौदहवीं का चांद तेरे लिए हैं
मेरी जिंदगी तेरे लिए
अब मौत भी तेरे लिए हैं
मैं हूं तेरे लिए
तू किसी ओर के लिए हैं।।।।-
I remember you like that
How parents remember his child...
How a person remember his mistake-
अफसाने इश्क के आज फिर से सुनाऊंगा
मोहब्बत को मेरी मुकाम तक पहुंचाऊंगा
जनाब,
उनका नाम जुबां पर नहीं आएगा इस महफिल में
बगैर नाम के उनका नाम मशहूर महफिल में कर जाऊंगा ।।।
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ये रात क्या आई ज़िंदगी में
कुछ दिये खुद को सुरज समझ बैठे।।।।
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अफसाना भी क्या बताऊं जनाब
वो ज़माना ही खराब था
मोहब्बत रुठी थी हमसे
मौत को हमसे प्यार था।।।।-