कुछ नही है दिखाने को कुछ नही है छिपाने को,
कुछ न कुछ दिखना चाहिए बस इस ज़माने को,
अजब ही अदब है लोगों की दिखाते है सब कुछ,
छिपाने वाला कुछ दिख जाए तो गुजारिश करते
है न बताने को,नही दिखानी चाहिए हरेक चीज
जमाने को, कहीं जरूरत न पड़ जाए छिपाने को
राज़ छिपाते रहना इस ज़माने से अगर चिनगारी
न बुझाई गई तो कुछ न रह जायेगा बुझाने को।— % &
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