वक़्त
अक्सर बोलते हुए लोगों को वक़्त के
साथ खामोश होते देखा है ।।
तब सोचता हूं ,
उनकी शिकायत क़िस्से हैं ।
वक़्त तो चलता है ,
हर मोड़ पर बदलता है ।।
वह कौन है जो बदला नहीं ,
वक़्त रहते संभला नहीं ।
वक़्त के तो अपने किस्से है ,
हर मोड़ पर मेहनत करने वाले के हिस्से है ।।
फिर इस जहां में शेखर वक़्त
कि शिकायत क़िस्से हैं ।।
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