झूठी उम्मीदें,,,झूठी तारीफें,,,
अ यारा करते क्यों हो ??
जिसको तुम निभा ना सको,,,
वो बातें ही तुम करते क्यों हो ??
सुनो,दोस्ती,प्यार कोई भी रिश्ता,,,
दिल से अनछुआ नहीं रहता ।।
गर ये बात तुम जानते हो,,,
फिर भी ऐसी बातें करते क्यों हो ??
झूठी उम्मीदें,,,झूठी तारीफें,,,
अ यारा करते क्यों हो ??
बंधन में कोई बंधन होता नहीं है,,,
लेकिन तुमने बंधन को बंधन में जकड़ा ।।
क्या ये सही है ? गर नहीं तो,,,
ऐसा काम करते क्यों हो ??
झूठी उम्मीदें,,, झूठी तारीफें,,,
अ यारा करते क्यों हो ??
चलो अब क्या ही समझाएं हम तुम्हें,,,
तुम पहले ही समझदार बहुत हो ।।
हम तो बेवकूफ,पागल है यारा,,,
लेकिन तुम मेरे जैसी हरकतें करते क्यों हो ??
झूठी उम्मीदें,,, झूठी तारीफें,,,
अ यारा करते क्यों हो ??
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