इस जालसाजी की दुनिया में.. कहाँ कोई साथ देता है,
उड़ान के लिए निकाले ग़र पंख.. वो भी काट दिया जाता है।-
गुज़र जाएंगे लम्हें सारे गुज़र जाएंगे जवानी के पल
पास आने की चाहत है तो कह दो मुझे,
क्यूंकि उम्र ढलने के बाद न मोहब्बत कर पाओगे न ही शिकायत।
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मुझे ख़्वाब नहीं आते अब निंदों में,
हजारों सपनें इन खुली आँखों ने जो देखा है।-
वक़्त के कांटे मुझे चुभने लगी है,
कोई इस दर्द से निजात दिलाए
तो सजदा करूं उस शख्सियत की।-
राहत नहीं मिलती मुझे तेरे बिना,
तू भी तो तन्हा रहती है मेरे बिना।-
बताऊँगा दिल में कितने ज़ख़्म पड़े हैं,
मुझसे गैरों ने कम अपनों ने ज्यादा लड़े हैं।-
जिंदगी इम्तेहान ले रही है... देखते हैं,
परीक्षा कितना मुश्किल होता है।-
कभी वक़्त मिले......तो मिलना वक़्त से,
और पूछना कि क्यूँ
वो बेवक्त किसी का......वक़्त बदल देती है।-
यूँ तो हर वक़्त नया होता है,
हर एहसास नयी होती है।
ज़माने के रंग नये होते हैं,
उसकी हर शाम नयी होती है।
जैसे-जैसे वक़्त गुजर रहा है
वैसे ही
लोगों की फ़ितरत बदल रही है।
-Dinesh Bhardwaj-
कम करके नहीं देखना अपनी ज़िंदगी के इमारत को,
आज दुःख के कमरे मिले हैं कल सुख के दरवाज़े खुलेंगे।-