अदाएं तुम्हारी बिजली जैसी, मै शुष्क काष्ठ कुचालक हूं।।।
तुम नौकरी हो सरकारी वाली,मै सवर्ण जाति का बालक हूं।।।-
5 JUN 2018 AT 21:31
12 FEB 2019 AT 15:07
आइए महसूस करिए जिंदगी के ताप को
मैं चमारों की गली तक ले चलूँगा आपको,,,
अदम की इन लाइनों को साकार देखना हो तो
आइये सोनभद्र के गांव 'दुद्धी' जो
मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश की सीमा पर सोन
नदी के एवं कन्हार नदी से सटा हुआ है,,,-
25 APR 2018 AT 2:51
मैं जीता हूँ कई सारे किस्से
कौड़े और बेस्वाद से नीरस किस्से
क्रोध की आंच में लिपटकर
भीगते हए किस्से
गुलाम जीवन में
एक मुस्कुराहट को
तरसते, बिलखते हुए किस्से।
इन किस्सों में होती है
एक दीवार,
और जेहन में रेंगने वाला
एक शब्द 'चमार'।
दीवारों पर रहती है गांयें
और हमारे मन में रहती है आहें।-