Mahbuba
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Eid Mubarak
ईद के ख़्याल ने
ख़ुश कर दिया लेकिन
अब भी तुम्हें सोच के
दिल बहुत उदास है-
Eid ul-Fitr
मेहमान तो हम हैं
'रमज़ान नहीं' वो तो
अगले साल फिर आएगा,
सवाल तो ये हैं कि अगले
साल हम होंगे या नहीं !-
☕☕☕
हर सुकून की अहमियत
छोटी पड़ जाती है
मां जब रसोई में
सुबह की चाय बनाती है.!!.-
मेरे हुजरे मे नही और कही पे रख दो
आसमँ लाऐ हो ले आओ जमीं पे रख दो
अब कहा ढूढने जाओगे हमारे कातिल
आप तो कत्ल का इल्जाम हमीं पर रख दो-
I'm as like OPEN BOOK but NCERT
You can Read me but can't Understand Without Help of other HELP BOOK-
एक दूसरे से बिछड़ कर
हम कितने रंगीले हो गये,
मेरी आँखे लाल हो गयी
और तेरे हाथ पीले हो गये.-
जब भी निकलो घर से
पर्दा करके निकालना
कोई रोजा ना तोड़ दे अपना
तुम्हें रमज़ान मे चाँद समझकर-
जिस धरती ने हमें संभाला है
बच्चों को मां बनकर पाला है
स्वच्छता प्रदान करके उसे
हमें अपनी धरती को नष्ट होने से बचाना है
लगाकर पेड़ पौधे को अपनी
धरती को हरा-भरा और बनाना है-