सरबसर आंखो से ओझल हो जाऊॅंगा
माह हूॅं दिसंबर मैं आते आते खो जाऊॅंगा
इस साल जो रहा किसी से
गिला शिकवा भी तो क्या
कहूॅंगा किसी से तो नजरों से उतर जाऊॅंगा-
31 DEC 2021 AT 23:53
सरबसर आंखो से ओझल हो जाऊॅंगा
माह हूॅं दिसंबर मैं आते आते खो जाऊॅंगा
इस साल जो रहा किसी से
गिला शिकवा भी तो क्या
कहूॅंगा किसी से तो नजरों से उतर जाऊॅंगा-