क्यों दिलों में भरी नफ़रत,हवाओं में घुल गया ज़हर
ए मेरे मौला,ऐसा तो नहीं था मेरे सपनों का शहर
क्यों बदनज़मी है फैली,जुर्म का बढ़ता जा रहा कहर
ए मेरे मौला, ऐसा तो नहीं था मेरे सपनों का शहर
क्यों इमारतों का जंगल,मचा है शोर शाम-ओ-सहर
ए मेरे मौला,ऐसा तो नहीं था मेरे सपनों का शहर
क्यों मिट्टी हो गई मटमैली,नापाक पानी की हर लहर
ए मेरे मौला, ऐसा तो नहीं था मेरे सपनों का शहर
क्यों घुटती हैं यहाँ साँसें,धुँधली हो गई हर नज़र
ए मेरे मौला,ऐसा तो नहीं था मेरे सपनों का शहर-
2 FEB 2019 AT 9:36
2 MAR 2019 AT 21:00
Colours to me are the concrete and not at all the abstract evidences of the beauty of life.
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13 APR 2019 AT 12:55
अपनी आँखों के चराग़ जलाकर चले आओ,
मेरे घर के रास्ते में कोई रोशनी नहीं है-
9 FEB 2019 AT 10:21
Love gyrates,love spins
Love sustains, love sins
Love hurts, love heals
Love freezes, love feels
Love gives,love takes
Love loves,love hates
Love wins,love loses
Love randoms,love chooses
Love flies,love buries
Love celebrates,love worries
Love sucks,love elevates
Love stucks,love perpetuates...
HOWZZAAAAAAAT ?
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