स्त्री बिके तो वेश्या और पुरुष बिके तो दूल्हा ,
वाह रे समाज, धिक्कार है ऐसे समाज पर I
#boycottdowrysystem
#dowryfreeindia
#boycottdowry-
"बेटी" नही..!!
बाप के ख़ून पसीनें की कमाई है बेटी
बाप के हर दुःख दर्द की दवाई है बेटी
बाप के मुँह की ऊंची आवाज है बेटी
बाप के प्यार का पहला अहसास है बेटी
माँ की तकलीफों मे मददगार है बेटी
फिर क्यों रोने को मजबूर है बेटी
फिर क्यों पूरी ज़िंदगी दुःखो का पहाड़ है बेटी
बचपन से सपनों का सरताज है बेटी
बाप की हर आख़री आस है बेटी
प्यार और पैसों की मोहताज है बेटी
ज़ालिम दुनिया की आँखों का काँच है बेटी
दहेज़ की मारी आख़री सांस है बेटी
ज़िंदगी भर जुल्मों का पूरा आकार है बेटी
दहेज़ की पीड़ा सहने को लाचार है बेटी
आख़िर क्यों !! मरने को मजबूर है बेटी..?-
जो पिता अपनी अमूल्य दौलत तुम्हे दे,
उससे दहेज माँग कर अपनी इज़्ज़त मत गवावो..!-
रख दी अपनी पगड़ी उनके पैरों में फिर भी उनको लाज न आया,
पिता ने खुद बिक कर बेटी का घर बसाया..!-
दहेज के प्रकोप से देखो हमारा समाज किधर गया, इस कुरीति के डर से कितनी बेटियों ने तो जन्म ही नही लिया..!
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