वतन की मोहब्बत तिरंगे की चाहत रख सरहद पे आता है
वतन पर जिस्म का कतरा कतरा लूटा दे इस हद तक आता है
मां बहन बीबी न जाने कितने रिश्ते न्यौछावर हो जाते हैं
दुश्मन से लड़ते लड़ते कितने वीर चिरकाल नींद सो जाते हैं
कम है जितनी बार कहा जाए उन अमर कहानी को
सदियां बीत जाए कितनी भी पर न बात पुरानी हो
न्यौछावर कर गए जीवन हम एहसान कभी ना चुकां सकें
लानत है जो हमको गर्दन कटा गये हम उनको गर्दन भी ना झुका सकें
तुम बेफिक्र सोए हो निश्चित है सरहद पर कोई जाग रहा है
दुनिया आसमान छूने को है हिन्दुस्तान बचपन का प्यार मांग रहा है
मैं नहीं कहता गलत है सब या इसमें सबकी राजी है
खून कहां से खौलेगा अगली पीढ़ी मुजरे की आदि है
वीर सपूतों के जज्बों की युद्ध कहानी कौन सुनाता है
साल साल लग जाते हैं तब कोई नीरज खिल पाता है
राणा की धरती पर फिर रक्त सिंह का खौला है
राणा के भाले बाद फिर से कोई भाला बोला है
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Kehte hai ki agar aap kisika
achha karoge to..aapka bhi
achha hi hoga..lekin ab to kisi
ka achha kar bhi do..to humara
hi bura ho jaata hai...😢-
गर शायद मैंने किसी का भला नहीं किया,
तो यक़ीनन किसी का बुरा भी नहीं किया।-
Dushman itni asani se nahi bante bohot logo ka bhala karna padhta hai...!!!
Dhoke baaz ishQ-
Ranjisho ka sama tha,
Teri meri mohabbat ka qafala tha
Nafrat se sajhi doli thi apni
Khoon se ranga asmaan tha
Bhale pe aie barat thi apni
Khanjar aur pyasa horaha tha
Dar se tera husun khila tha
Aah o buka aur matham uth raha tha
Suhag ki sejh pe ek naya alam tha,
Tera khanjar; mera dil, zabha howa
Sara jahan tha...-
भाला भेका था एक राणा ने
जाकर मुगलो को छेदा था ,
भेका हैं नीरज ने भी एक
दिलो में राज उसने पाया है
🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳-
Rahon me chalte waqt mai use kos raha tha ,
Man me bhare gusse se bhala bura kah bhi raha tha !
Mai khush tha ya uske lie bechain ho raha tha ,
Pata nahi sayad uska bhi man mere lie tadap raha tha !-
भगवान ही है जो सब का भला चाहते हैं...
वरना आजकल दुनिया में सब अपना भला और दूसरों
का बुरा चाहते हैं...
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खुद से नजरें मिलाने के लायक़ नहीं है ये ज़माना ,
और मुझे आंखे दिखा रहा है -
भला क्यूं ..??-