बैठे हैं चैन से कहीं, जाना तो है नहीं... हम बेघरों का कोई, ठिकाना तो है नहीं... वह जो हमें पसंद हैं, कौन है कैसा है... क्यों पूछते हो, हमे बताना तो है नहीं....!!
बड़े से बड़ा दर्द गिलास में लिए बैठे है, बोतल है खाली पर दिल भरकर बैठे है, न जाने कितने ही आशिक़ डूबते है इस दरिये में, हम तो इसे जानकर इसके किनारे पे बैठे है..!