पहली बार जब मेरी पीठ में छूरा घोंपा गया,
मुझे बहुत दर्द हुआ ...
दूसरी बार जब घोंपा गया,
और दर्द हुआ ...
तीसरी और चौथी बार तक में
दर्द सहनीय हो गया था ...
पाँचवी, छठी बार तक तो
पीठ ख़ुद को तैयार रखने लगी....
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अब जो अनगिनत बार छूरे घोंपे जा चुके हैं,
इस पीठ को दर्द नहीं होता, गुदगुदी होती है!
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