हम तुम्हे कुबूल कर लेंगे क्या तुम कुबूल होना चाहोगे
हम तुम्हे अपना बनाऐंगे क्या तुम हमारे होना चाहोगे।
अपना नाम तुम्हारे नाम से जोड़ेंगे,
क्या तुम अपना नाम हमारे नाम से जुड़वाना चाहोगे?
सबको तुम्हारे हैं यही कहके अपनी पहचान कराएंगे,
क्या तुम इस रिश्तें को छुपाके रखना तो नहीं चाहोगे?
तुम्हे अपने अम्मी अब्बू से मिला घर में लाना चाहेंगे,
क्या तुम अपने माँ पापा से मिलवा के रिश्तें को आगे भड़ाना चाहोगे?
ज़िंदगी के हर मोड़ पर तुम्हारा हाथ थाम के चलना चाहेंगे,
क्या तुम मेरा हाथ बीच मोड़ पर छोड़के मुझे भटकाना तो नहीं चाहोगे?-
14 MAY 2022 AT 15:20
27 JAN 2022 AT 10:49
मैं ख़ुद से डरने लगी हूँ,
तुझको ढूँढते ढूँढते कहीं खोने लगी हूँ।
अपनी सादगी से हटके तुझ जैसी बननें लगी हूँ,
तुझको ख़ुद से दूर जाते देख बिखरने लगी हूँ।
तेरी परछाई से भी मोहब्बत करने लगी हूँ,
ख़ुद को नज़रंदाज़ कर पीछे तेरे चलने लगी हूँ।
तेरे मज़ाक को भी पसंद करने लगी हूँ,
अपना मज़ाक भरी सभा में बनवाने लगी हूँ।
तेरे हिज़्र के ख्याल से भी तुझसे छुपने लगी हूँ,
फिर भी न जाने कौन से ताल्लुक़ रखने लगी हूँ।
तेरी न समझी भी अलग तरीके से समझने लगी हूँ,
अंजाने में ही सही पर तुझसे बेशुमार् इश्क़ करने लगी हूँ।— % &-