ना जाने किस कदर की,
मेरी मोहब्बत बेअसर थी,
लिए हर वादे बेअसर थी,
बिताए लम्हाते बेअसर थी,
हर यादें बेअसर थी,
रब से की फरियादें बेअसर थी
हमारी कहानी मुख्तसर थी।
*(मुख़्तसर- अधूरा)-
जो हर सुबह🌞हो खूबसूरत तो कौन ना जगे फिर,
क्यूँ चादरों में ही लिपटी रहने दे हर एक सपना 😴💭।-
◦•●◉✿जवाब✿◉●•◦
हर जवाब हिसाब मे मिलता है , जब तु ख्वाब मे मिलता है।
हक़ीक़त फिर क्यूँ मौन है, बता तेरे मन मे कौन है।।
कहीं कोई चोर छुपा तो नहीं, तेरे दिल को कोई और गिला तो नहीं।
दिल तो फिर भी निर्दोष है, तुझमे क्यूँ ना होश है।।
क्या कमी है मुझमें बोल, अपनी चुप्पी की घूँघट खोल।
कोई मन में गिला तो नहीं, कहीं कोई और मिला तो नहीं।।
चल अब जब तु ख्वाबों में आ, सब कुछ अब बयाँ करके जा।
क्यूँकि हक़ीक़त तु नहीं बताता, है हर कुछ ख्वाब बयाँ करके जाता।।-
हम भी परिंदों की तरह:-
इंसान एक परिंदा है,
क्या पता कब तक उड रहा,
कब तक जिंदा है।
एक लक्ष्य है उड के मंजिल तक जाने की,
हर खुशियों को खुद से रूबरू करवाने की,
हर सपनों से अपनों को मिलवाने की,
जब तक दिल जवान है,
हौसलों में उड़ान,हर सपनों मे जान जिंदा है।
क्या पता कब तक उड रहा,
कब तक जिंदा है,
इंसान एक परिंदा है।-
Play girl😑
होठों पर किसी और का नाम,
दिल से किसी और को बर्बाद करने की ठानी है।
वाह रे लड़की सौदेबाजी ,
इतनी कम उम्र दिखाती ये जवानी है।
बिअर बोतल,चॉकलेट कमरा,
बस यही तक खत्म कहानी है।
संवर गया तो सांवरे,
नहीं तो किसी और को इश्क़ जतानी है,
सच्चा प्यार को ढूँढते- ढूँढते,
खत्म तेरी जींदगानी है।
दिल से जो चाहे तुझे राश ना आए,
ये आकर्षण की अलग ही तेरी कहानी है।
आज कोई और कल कोई और,
अरे किस-किस को टोपी पहनानी है।
बाबु -बच्चा ,लहसुन-अदरक;
जाने किस -किस की दीवानी है।
इस जन्म तेरा वो रहे ना रहे,
ये तो खुदा की मेहरबानी है,
प्यार तो फिर भी तेरा झूठा है,
यहाँ कुछ और ही जींदगानी है।-
आंखों
की फर्माइश,
हुजूर की
हुस्न
परस्ती
मिल गई,
बाकी करने
को कुछ
बचा क्या!
लूट गई
दिल्ली
दिल के हाथों!
माफ करो
महाराज
ताज बन के
तैयार है!-
मेरे कलम से.....
लिखूँ तो क्या लिखूँ तेरे बारे में,
तेरी बाते हमेशा मुझे तोड़ जाती है।
कहुँ तो क्या कहुँ तेरे बारे में,
तेरी वादे मेरी सासें मोर जाती है।
सुनु तो क्या सुनु तेरे बारे मे,
तेरी यादे मुझे झकझोर जाती है।
यूँ तो कई फसाने हैं सुने मैने तेरे बारे में,
करूँ तो कैसे करूँ यकीं तु ही बता तेरी कसमें वो सारी बाते मुझे में ही कहीं छोड़ जाता है।-
➊𝘀𝘁 🅛ove❤❤
आते आते तुम ले आना प्यार की कुछ बातें,
जो तुमसे होते हुए दिल की निकली हो जज्बातें।
जिसमे कही हो कुछ प्यारी अनकही अल्फ़ाजें,
हो रूबरू हम इस कदर जैसे चांद और मधु रातें।-
आखिर क्यूँ?
क्युँ मुझे मुझसे प्यार नहीं होता?
क्युँ खुद का ही रोज सुबह पहले दीदार नहीं होता?
क्यु खुद मे ही टूटता चला जा रहा हूँ मैं?
क्युँ किसी और चेहरे में खुद को ढूँढता पा रहा हूँ मैं?
अगर ये इश्क़ है किसी और के लिए मेरे दिल में तो,
क्युँ उसे इस इश्क़ का मेरे आँखों में दीदार नहीं होता?
क्युँ मुझे मुझसे प्यार नहीं होता ?
क्युँ दिल को खुद के लिए इकरार नहीं होता?
अक्सर हर कोई दिल तोर के चला जाता है।
क्युँ कभी किसी के रहने का करार नहीं होता?
क्युँ खुद के प्यार का दिल को तसल्ली बार बार नहीं होता?
क्युँ मुझे मुझसे प्यार नहीं होता?
क्युँ मेरे दिल को मेरी रूह से इजहार नहीं होता?
क्युँ मेरे दिल को मेरी तन्हाइयों से इनकार नहीं होता?
क्युँ मुझे मुझसे प्यार नहीं होता?
क्युँ मेरे दिल को खुद के लिए इजहार नहीं होता?
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A Hoली conversation😅
He- कौन सा रंग लगाओगी,
जब तुम मेरे पास आओगी
She- प्यार का रंग लगाऊँगी,
जब मै तेरे पास आऊँगी।
He- आखें तो नहीं चुराओगी,
जब तुम मेरे पास आओगी।
She- बाहों से लिपट मैं जाऊंगी,
जब मै तेरे पास आऊँगी।
He- कैसा इश्क़ जताओगी,
जब तुम मेरे पास आओगी।
She- लाल इश्क़ जताऊँगी,
जब मैं तेरे पास आऊँगी.
He- कभी छोड़ तो नहीं जाओगी,
जब तुम बेहद पास आओगी।
She- यह भविष्य में बताऊँगी,
जब प्यार निभा मैं पाऊँगी।-