QUOTES ON #ANSHIKA_SHUKLA

#anshika_shukla quotes

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28 SEP 2024 AT 17:34

मैं भी zenG ज़माने की शायद मॉडर्न सी लड़की हु,
पर न जाने क्यों अपने रीती रिवाजों में रहना पसंद सी करती हु।।

यकीनन पूरा शरीर लिबास में ढकना पसंद नही ,
पर में शरीर का प्रदर्शन भी नही किया करती हु।।

लडको से मशला नही ,फिर भी उनसे दुरिया बनाए रखना पसंद करती हु।।
मशरूफ है जमाना जहा मेहबूब बनाने में,
मैं वहा शौहर की उम्मीद रखा करती हु।।

अपने हक के लिए आवाज उठाना बेशक आदत सी है मेरी
पर अपने शब्दों में सामने वाले का आदर बनाए रखती हु।।

हर शब्द में बेअदबी का इस्तेमाल करना कुछ नया सा रुझान है इस जमाने का
पर में अपने हर अल्फाज में मर्यादा कायम रखना पसंद करती हु।।

किसी धर्म,जाती ,रंग से दुश्वारी नही,
पर परिवार के सम्मान के खातिर नाम के आगे गोत्र लगाए रखती हु।।

औपचारिक नातो से ज्यादा,लोगो को गले लगाकर हाल पूछना पसंद करती हु।।
नए ख्यालातो में भी रहकर ,अपने हद की सीमा बनाए रखती हु।।

हाँ में भी zenG जमाने की लड़की हु,
पर नजरियत जरा सा पुराने रखती हु।।

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5 SEP 2024 AT 10:52

कल शायद हमारी बातें हो न हो,
आज तो तुम पास हो मेरे,
कल शायद ये हसीन मुलाकाते हो न हो,
अगर इजाजत हो आपकी ,आपको गौर से निहार लू
इन चंद लम्हों को अपनी यादों में सवार लू
कल शायद किस्मत में हमारा साथ हो न हो।।
anshika shukla

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27 JUL 2024 AT 11:29

एक दिन हम तुम्हारी दुनिया से यू चले जायेंगे
हर एक तारो में तुम्हे नजर आया करेंगे
हर पल तुम मांगना कोई दुआ
हम तुम्हारे लिए हर पल टूट जाया करेंगे।।

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26 DEC 2024 AT 19:04

कुछ ऐसा कहो जिसे मैं सुन सकूं,
कुछ ऐसा करो जिसे मैं सह सकूं,
अगर जाना ही है तो,कुछ इस कदर तोड़ कर जाना
कि तुम्हारे जाने के बाद भी ,मैं तुम्हारे लिए जी सकूं।

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12 JUL 2024 AT 22:13

गुजरती लम्हों में सदीया तलाश करती हु
ये मेरी प्यास है की नदियां तलाश करती हु
यहा तो लोग गिनते है खुबिया अपनी
मैं अपने आप मैं ही खामियां तलाश करती हु

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1 SEP 2024 AT 22:31

हम तो पतझड़ के मौसम में भी ,
उनके नाम का पौधा दिल में सींचते रहे।

उन्होंने तो सावन के मौसम मे भी ,
हमारे नाम का फूल भी, दिल से उखाड़ फेका।।

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24 AUG 2024 AT 9:58

वक्त के साथ जनाब हम भी बदलना सीख गए,
दिल पर पत्थर रख हम भी हँसना सीख गए,

यू कहे तो आप में और हमे बस फर्क इतना है –

कल तक आप हमारे जख्मों से खेला करते थे
और
आज हम आपके जख्मों के साथ खेलना सीख गए।।

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1 AUG 2024 AT 20:31

हां वो कोई और नही पति है मेरा।

(Marital Rape)

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16 AUG 2024 AT 17:21

डॉक्टर माफ करना अभी तक हम सब तुमको इंसाफ दिला ना पाए

(Kolkata Rape Case).

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29 JUL 2024 AT 9:30

मैं अब वो लाचारी नहीं
जो अपना जिस्म किसी मर्द को सौंप दु

मैं अंगार हूं, आग की तरह जलती हु
मैं वो लावा हु जो दूसरों को अपने ताप से जलाया करती हु।

A voice of girl who take a stand for all her sister's who become a rape victim

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