एक फैसला जिंदगी के हाथ में देंगे ,
ग़र मानेंगी वो मुझे अपना,, तो हम भी मान लेंगे..!!-
जो जिस लहज़े में बात करता है
मैं उसी अंदाज़ में ज़वाब देती हूँ
इश्क़ हो या फ़रेब,
मैं अब सबका सटीक हिसाब रखती हूँ !!!-
फोन बिजी आए तो हज़ारों सवाल करते हों,,,
कहते हो इश्क़ करते हो अजी तुम भी तो कमाल करते हो..!!-
लिखने बैठूं ;
तो
कलम खीझ कर
हाथ छोड़ देता है ,
ये
बनारस का सौन्दर्य
कवि के
शब्द के तोल का नहीं..!!-
नहीं दूंगी उपमा तुझे चांद का,,,
जानाँ,,, तुम चांद से काफ़ी बेहतर हो...!!-
ज़माने को इश्क़ का नया अंदाज़ सिखायेंगे
इश्क़ तो करेंगे उनसे,,, पर न जतायेंगे न बतायेंगे !!!-
बड़ी देर की तुमने आने में
फेब्रुअरी ;
ख़ैर...
आओ बैठो।
अच्छा सुनो..!!
पहले खुशियां
खुटी पर टांग के आओ।-
क्या बताऊँ आलम-ए-तन्हाई,,,महफ़िल में भी गुमशुदी लगती है,
ग़र जिक्र भी हो तेरे नाम का,,,तो दिल में गुदगुदी होती है..!!-
गुज़ार लेंगे ज़िंदगी,,, तुम्हारे बगैर भी
बस इन यादों से कहो मुझे तन्हा रहने दे..!!!-
इक वक़्त में दिल-औ-जान कह,,, कुछ वक़्त के लिए तन्हा छोड़ देता है ,
अंदाज़-ए-मोहब्बत भी कमाल है उसका,,, किश्तों में किया करता है..!!-