रोक दो ये पल की आगे जाए न।
एक दूजे से जुदा हो पाए न।
कितनी सुंदर सी मुलाकातें हुई,
दुनिया की नजरें इसे लग जाए न।
मैं तेरी खुशबू से महका हूँ सनम,
और कोई अब मुझे महकाए न।
तेरी आँखो से जो दुनिया देखी ली,
और कोई आँखें जो दिखलाए न।
तेरी मीठी बातों में मैं खो गया,
और किसी की बात अब बहकाए न।-
सोच को हमेशा सकारात्मक रखना चाहिए।
अपने मन पर हमेशा काबू रहना चाहिए।
चाहे जो भी हो जिन्दगी के किसी मोड़ पर,
भावनाओं में आकर नही बहना चाहिए।
लोग चाहे तुम्हारी लाख बुराई कर लें,
पर अपनी जुबां को गंदा नही करना चाहिए।
परिस्थितियां चाहे लाख बुरी हो जाए मगर,
जब तक मौत न आए नही मरना चाहिए।
मैंने अपनी जिन्दगी के तजरूबे से यही सीखा है,
किसी भी हाल में किसी से नहीं डरना चाहिए।-
फासला कितना भी हो वो मिट सकता है।
रास्ता मुश्किल हो पर कट सकता है।
कोई कितना दूर भी हो जाए फिर भी,
दिल के बिल्कुल पास वो रह सकता है।
मैने देखा है जो अपने है वो,
साथ अपने वो धोखा कर सकता है।
जिसको तुम समझो अपना दिल से,
चार रुपयों के लिए बिक सकता है।
एक दफा जो आँखें बंद हो जाए तो,
वो मुहब्बत आंखों में दिख सकता है।-
निकल पड़े है आंसू अपने घर से।
वापिस नही आयेंगे अपने सफर से।
जरूर कोई मजबूरियां रही है,
तभी रुखसत हो रही है शहर से।
ये जरूर एक तूफान लाएंगी,
बचोगे कैसे इसके कहर से।
इसकी कमजोरी ताकत क्या है,
मैंने अब देखा है अपने नजर से।
रोकना है इसे तो एक ही तरीका है,
लड़ना पड़ेगा तुम्हे इसके डर से।-
गुमगुम-गुमसुम क्यों रहते हो।
आँखों को नम क्यों करते हो।
मुझसे कुछ भी कहने से अब,
बोलो ना क्यों तुम डरते हो।
यूँ खोमोशी से जीने में,
घूँट-घूँट कर क्यों तुम मरते हो।
दिल की बातें बोलो मुझसे,
क्यों खुद ही सब गम सहते हो।
जो भी बोलो हँसकर बोलो,
नम आँखों से क्या कहते हो।
पास मेरे आने की खातिर,
रुक-रुककर क्यों तुम चलते हो।-
साथ तेरा ना छोड़ेंगे ओ साथी मेरे।
तुझको कभी ना भूलेंगे ओ साथी मेरे।
तुम बस इक आवाज मुझे दे देना,
हम दौड़े-दौड़े आयेंगे ओ साथी मेरे।
तुझको अपने दिल मे रखेंगे हरदम,
ये रिश्ता ना तोड़ेंगे ओ साथी मेरे।
हर-पल खुशहाली में जिये जीवन,
हम तेरे गम ले लेंगे ओ साथी मेरे।
तू जिस राह से घर मेरे आएगी,
फूलों से उसे सजायेंगे ओ साथी मेरे।
तुझे सामने हम आँखों के बैठाकर,
देख तुझे मुस्कायेंगे ओ साथी मेरे।-
छूटा जब ससथ तुम्हारा चैन नहींं, आराम नहींं।
मेरे जीवन मे खुशियों की सुबह नहींं अब शाम नहींं।
सुबह से लेकर शामतलक बस याद तुम्हे करता हूँ मैं,
इसके अलावा इस दुनिया मे मेरा कोई काम नहींं।
दुनिया वाले मुझसे तेरा नाम पूछते रहते है,
लेकिन तेरा नाम बताकर तुझे करना है बदनाम नहींं।
मैंने तुझसे प्यार किया था बदले में बेवफाई दी तूने,
मेरी खातिर इससे अच्छा और कोई इनाम नहींं।
हरपल पीता रहता हूँ जिसको मैं घुट-घुटकर,
ये है मेरे आँसू इसको समझो अब तुम जाम नही।-
सुखकर्ता दुखहर्ता हो तुम, तुम ही पालनहार हो।
जीवन रूपी इस नैया की, तुम ही तारणहार हो।
बिना तुम्हारी इच्छा के, एक पत्ता डोल नहींं सकता।
बिना तुम्हारी इच्छा कोई, किस्मत खोल नहींं सकता।
हे गणपति हे गजाजन, मुझपर अपनी दृष्टि फेरो।
कदम हमारे रुके हुए है, हर पग पर है बाधा ढेरों।
शिव-शंकर के राजदुलारे, हर भक्तों के प्रिय तुम्हीं हो।
करो कृपा कुछ ऐसी हमपर, जीवन मे न कोई कमीं हो।
हे लम्बोदर प्रिय तुम्हें, बेसन के लड्डू चढ़ते है।
शुभ कामों में सब से पहले, तुम्हारी पूजा करते है।
प्रथम देव हो तुम हम जैसे, भक्तों का कल्याण करो।
हम भक्तों की झोली को, तुम खुशियों से सदा भरो।-
ख़्वाबों के घरौंदे अक्सर ही बनकर टूट जाते है।
कि जैसे लाखों ख्वाहिश दिल के अंदर टूट जाते है।
मुकम्मल प्यार तो सबके नसीबों में नही होता,
अधूरे प्यार में तो लोग अक्सर टूट जाते है।
ये दिल शीशे के होते है जरा सी ठोकरों से ही,
ये चकनाचूर होकर के मयस्सर टूट जाते है।
जमाने मे कई किस्से बहुत मशहूर है सुनना,
जो मंजिल हो कठिन तो फिर सिकन्दर टूट जाते है।
जो प्याले मयकदे में खूब छलका करते है अक्सर,
वही प्याले किसी दिन को छलककर टूट जाते है।-
माँ की ममता के साये में प्यार की धारा बहती है।
आशीष बनकर माँ की साया साथ हमारे रहती है।
घर से जब भी बाहर निकलूं साथ दुआएं रहती है।
तुझे नही होगा कुछ भी ये बात मेरी माँ कहती है।
मेरी माँ के कदमों में संसार की खुशियां समाई है।
माँ मेरी दुनिया मे साक्षात कोई देवी बन आई है।
माँ ने मीठी पकड़ के अंगुली चलना मुझे सिखाया है।
सही गलत क्या है दुनिया मे माँ ने मुझे बताया है।
जब भी पड़ी जरूरत माँ ने आँचल में छुपा लिया।
जब मैं रोया तब माँ ने अपने सीने से लगा लिया।
माँ का कर्जा मरकर भी मैं कभी चुका न पाऊंगा।
माँ के चरणों मे अपनी ये शीश सदा मैं झुकाउंगा।
मेरे सारे सुख-दुख को माँ संग हमारे सहती है।
आशीष बनकर माँ की साया साथ हमारे रहती है।— % &-