नारी ही सृष्टि की जननी, नारी ही तो अबोध सुता,
नारी ही कष्टों की हरणी, नारी में सारा विश्व बसा।
© Anjula Singh Bhadauria-
28 SEP 2019 AT 19:05
नारी ही सृष्टि की जननी, नारी ही तो अबोध सुता,
नारी ही कष्टों की हरणी, नारी में सारा विश्व बसा।
© Anjula Singh Bhadauria-