जनाब
ख़ुद-ब-खुद हमारी अहमियत जान जायोगे..-
आप अपनी अहमियत का अंदाजा हमारी जिंदगी में बस इतने से लगा लेना...
रोकना अपनी सांसें कुछ पल के लिए और उनकी तलब महसूस करके बता देना...-
बैसे तो मैं जानबूझकर किसी का दिल नहीं दुखाती,
और
कई दफा बिन गलती झुक भी जाती हूँ अपनों के आगे
क्योंकि मैं अपने रिश्तों में किसी तरह कि गलतफ़हमी नहीं चाहती..-
ना रिश्तो की अहमियत देखी जा रही है l
ना किसी गरीब की मजबूरी देखी जा रही है ll
इस दुनिया में अब सिर्फ पैसों की कीमत देखी
जा रही है l-
☂️ अहमियत☔️
दिल चाहता है किसी पुराने, धूल चढ़े किताब सा अलमारी के किसी कोने में पड़ा रहूं
आते जाते सबकी नज़रो में तो रहूं,पर कुछ भी ना बोलू और बिलकुल मौन सा खड़ा रहूं
इतने सारे शब्दो के भण्डार सा ,परंतु सहनशीलताओ के अंबार से लदा रहू
घमंडी सा तो नहीं ,पर मेरे भी कुछ अपने सिद्धांत है इस बात पर अड़ा रहूं
हर रोज मेरे सामने कोई आकार देखे मुझे ,फिर बगल वाली किताब लेकर चला जाए
फिर भी चुप चाप देखता रहूं ये सोच के कि कभी तो किसी को मेरी जरुरत पड़ जाए
हां चाहूँ तो सबके इन्तिखाब में आ सकता हूँ पर उसके लिए मुझे अलमारी से नीचे गिरना पड़ेगा
लेकिन फिर वो मेरे आदिल बनने का क्या फायदा ,जिसके लिए मुझे इतना नीचे गिरना पड़ेगा!
पर थोड़ा डरता भी हूँ कि किसी दिन रद्दी के भाव ना बिक जाऊं पुराने अख़बार में
चलो उतने से भी खुश हो लूंगा ,कम से कम मेरी कीमत तो पता चले किसी बाज़ार में
लेकिन फिर भी मुझे एक उम्मीद है कभी तो कोई ऐसा आएगा
जो कोने में पड़ी किताब को उठाकर ,उस पर पड़ी धूल हटायेगा
बहुत ही बेचैनियों के साथ पन्नो को पलटेगा कि जिसे ढूंढ रहा था वो आखिर यहाँ मिला होगा
हां बेशक उस पुराने किताब के कुछ पन्ने फटे मिले होंगे और कुछ दीमक ने चाट लिया होगा
लेकिन फिर भी उस किताब में बहुत कुछ ऐसा होगा कि उससे बहुत कुछ मिल जाएगा
हां कुछ दिन तो उसको पढ़ेगा ,फिर जाकर उसकी की अहमियत का पता चल पायेगा
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जिसके पास तुम्हारे लिए वक़्त नहीं....
तुम भी उसके लिए अपना वक़्त जाया ना करो तो बेहतर होगा.....🖤-
हमें ना एक जैसी ज़िन्दगी मिलती है, और ना एक जैसी अहमियत..
हमें दूसरों की देखा - देखी नहीं..अपने हुनर पर भरोसा होना चाहिए..!!❣️-
Jo kbhi waqt Ko ahmiyat deta tha..
Ha Aaj vahi aaj ke waqt se lachar hai.-
जानती हू हर एक की असलियत
पहचानती हू हर एक की शख्सियत
परखती हूँ फिर भी हर बार अपने एतबार की अहमियत-