गुरुर और घमंड के कई ठिकाने है
उन्हें खुद में जगह न दीजिये जनाब
उनके रहने के बाद बाकी सब बेगाने है ।-
मैं तेरी मस्त निगाही का भ्रम रख लुगां
होश आया भी तो कह दूंगा
हमें होश नहीं ।।-
अब दिन गुजरता नहीं, गुजार लेते है
वो आते नहीं , हम सपने बुला लेते हैं ,
कोई दिल्लगी नहीं शायद उन्हें हमसे
बस हम खुद को यूहिं समझा लेते हैं ।।-
हमारे दर्द से वाकिफ थे
इसीलिए मरहम के नाम पर नमक लगाया करते थे वो
जब आदत हुई नमक की हमें
तब नमक में भी मिर्च मिलाया करते थे वो ।।-
जिंदा तो पहले भी नहीं थे हम
यकीनन मौत तो तब आई ,
जब हमारी जिंदगी ने ही कहा
अब तुम्हें मर जाना चाहिए-
हसरते उनकी नही रही अब
इश्क़ की इबादतों मे यकीन है ,
तेरे होने न होने से मतलब नहीं हमें
इश्क हमारा तेरी बिन भी हसीन है ।।
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बहुत हुई दूसरो से इश्क़ की बातें
अब खुद से मोहब्बत करने की ठानी हैं ,
किसी के होने न होने से फर्क नहीं हमे
खूद को सवारने में ही आसानी है ।।-
जब तक तुम काचं हो
लोग तोड़ते-तोड़ते थक जाएंगे
सब्र बनाए रखो आइना बनने तक
फिर लोग तुम्हें देखते-देखते थक जाएंगे।।-
भूल गए न ,
तुमने कहा था
सब ठीक हो जाएगा ।
सब ठीक हो गया,
बस तुम बदल गए ।।-