Ansh Babu 4 SEP 2024 AT 7:45 सज़ा-ए-इश्क़,मुकम्मल ज़ीस्तऔर ये रूह को छूना,ये मुमकिन हैकि इसके बाद भीज़िंदा रहे कोई? #AB907 -