यूं चले गये तुम हमें ऐसे छोड़कर पीछे अपनी कला की जादुई आवाज दे गए ना होगा कभी तुम्हारे जैसा कोई दूसरा जाते जाते इस जहां को इक नया अंदाज़ दे गए,
यादों के दीवारों पे तुम हर रोज़ नज़र आओगे आंखों से जो अश्क गिरेंगे खुद को ही पाओगे ज़रा गौर करो ये वक़्त भी अब नाराज़ है तुमसे ये खुद भी हैरान है कि इतनी जल्दी तुम थम जाओगे
आज ये दिल बेचैन होकर रूठ सा गया है ऐसा लगता किसी अपने का हाथ छुट सा गया है ये आसमां भी अपनी आंखो से दर्द छलका रहा भरी अंधेरी रातों का चमकता सितारा जो टूट सा गया है
,किसी की मोहताज नहीं होती। वो एक पल भी नहीं, जब ये साथ नहीं होती। झुठे रिश्तों में झुलसते जा रहे है सब धीरे-धीरे, की अब ओर हकीकत बयान नहीं होती। किताबों से रिश्ते बनाकर तो देखो तुम, जान जाओगे,कि किताबों बिन जिदंगी कोई मिसाल नही होती।
She _ _ _ _ _ _ had been given all the rights along with freedom _ _ _ _ BUT....... this SOCIETY limits it in a way of such SILENCE that everyone points but no one _ _ _ _ _ DARES_ _ _ _ _