नहीं बनने देता तवायफ़ को दुल्हन,
ज़माना मगर माँ बनाता है उसको।-
25 JAN 2021 AT 10:00
Ask my mother and she might
tell you the tale,
only if you promise
to not auction her story for sale.
~in caption~
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10 JUN 2022 AT 16:36
// सील //
हां , सही सुना आपने,
मैं एक सील हूं...!!
// Read in Caption...-
13 NOV 2019 AT 9:59
अख़बार के पन्नों से पहले टिंडर खुलता है
आज के ज़माने की कठनाई बयाँ करता है
पूरी कविता अनुशीर्षक में-
18 JUL 2019 AT 12:52
कायनात के हर फ़नकार से
ये बात कहनी है।
जो अच्छा है उससे मिलके क्या करना
सफ़ाई तो गंदगी में ही करनी है।
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