किसी मजबूत दरख़्त सा हूं मैं,
हल्के तूफानों में तो शज़र गिर जाते हैं।
तमाम मुश्किलातों में मेरी मुस्कान न गई,
जिसकी आधी मिले तो लोग मर जाते हैं।।
#ShayeriWith_अmit
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21 FEB 2021 AT 10:40
31 DEC 2020 AT 1:11
बड़ी नादान थी वो, या हमें समझती रही।
दूर जा रहे हो तुम बोलकर,दूर जाती वो रही।।
और ये सोचते हुए, मै आज भी हैरत में हूं।
बिछड़ के वो खुश थी तो क्यों खुशी के आसूं रोती रही।।
#ShayeriWith_अmit-
8 FEB 2020 AT 9:23
बेशक ये ज़िन्दगी रहे ना रहे यादें रहेंगी।
साथ बिताए पलों की कहानियां मुस्कान कहेंगी।
हम खिलेंगे एक दूसरे के चेहरे पर मुस्कान बनके।
चलेंगे साथ साथ एक दूसरे के साया बनके।
#shayeriwith_अmit-