बड़े दिनों बाद
ये रात इतनी ख़ामोश हुई है,
लगता है आज
किसी शायर की मौत हुई है।-
11 AUG 2020 AT 21:36
11 AUG 2020 AT 18:05
“अब ना मैं हूँ ना बाक़ी हैं ज़माने मेरे,
फिर भी मशहूर हैं शहरों में फ़साने मेरे...”
अलविदा, राहत इंदौरी साहब।-
11 AUG 2020 AT 23:04
इतनी बेचैनी क्यो हो रही है मेरी साँसों में
कि इतनी बेचैनी क्यों हो रही है मेरी सांसो में।
अब तो तेरे जाने का वक़्त है,
RIP😓🙏🙏
राहत इंदौरी सर-