हर दुआ में शामिल तेरी दुआ है
फिर क्यों तुम आज , हम सबसे यूं रूखसत हुआ है
हां गलती तो हुई है हम सबसे
वरना यूंही तु हमसे खफा न होता
जो पल पल की खबर लेता था
आज हर मन्दिर , मस्जिद के दरवाज़े बंद कर,
यूं बेखबर न हुआ होता
माना कि गुनाह हुआ है हम सबसे
पर हमें तड़पता देख
आंखों में आंसू तो तेरे भी आया होगा
अब पलट दे ए मालिक ,इस खेल का पासा
मत बना इस रणभूमि को कुरूक्षेत्र की भूमि
करदे माफ़ अपने इंसान को मौला
फैला दे चारों ओर अपने इत्र की खुशबू
उठा ले अब चक्र अपने हाथ में
और तोड़ दे ए कृष्ण इस चक्रव्यूह को-
6 MAY 2021 AT 18:45
24 JUL 2020 AT 7:32
Sincerely, praying for those we misunderstand places God in His righteous place; standing in front of our grievances, pride, and judgement.
-