मेरा लक्ष्य
मेरा लक्ष्य ,लक्ष्य नहीं सिर्फ
मेरे पापा का सपना है।।
मेरा लक्ष्य ,लक्ष्य नहीं सिर्फ
उम्मीदें मेरे अपनों की है।।
जिसमें दम है जितना दम है ,
सारा यहां लगा लो तुम।।
एड़ी चोटी का जोर लगा के
मुझे रोक के दिखा दो तुम।।
तुम्हारा रोकना ,टोकना और बदुआ भी
मुझ पर असर ना कर पाएंगी
मैं न रुकने वाली इनसे क्यूंकि
मेरा लक्ष्य ,लक्ष्य नहीं सिर्फ
मेरे पापा का सपना है।।
जिसको पूरा करना,
मेरा अपना खुद का सपना है।।
_ भारती गुप्ता
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