प्यार तो...
तब भी था, अब भी है
और हमेशा रहेगा ।
पर...
उनकी बेवफ़ाई का
कोई तो ईलाज़ मिलें!-
उनकी कामियाबी की ख़ुसी तो हैं,
उसी कामियाबी में उन्हीं को खोदेने का,
ग़म तो हैं...!
प्यार तो उन्हें बेशुमार करतें हैं,
पर उनके लायक ना बन पाने का,
ग़म तो हैं...!!-
दुश्मन को तो माफ़ भी किया जा सकता है!
ग़द्दार तो अपनों में से एक होता हैं!!
माफ़ी की तो कोई गुंजाइश हीं नहीं रहती!!!-
हम...
उनके थे, उन्हीं के हैं, उन्हीं के रहेंगें।
वो...
हमारे थे, हमारे हैं, हमारे ही रहेंगें ।
और ये हक़ीक़त समय को पता हैं
और आगे ये बात समय ही बताएगा !-
वो दिल्लगी में भी
ख़ूब दिमाग लगातें है,
तभी तो दिल तोड़ के हमारा,
खूब मजा ले पाते हैं।-
All need to stay cautioned
towards PseudoFeminism.
Its an instrument which
actually exploits women;
and Men unnecessarily
gets all the blames.-
ହୁଏତ କାଲି ମୁଁ ନଥିବି!
ଠିକ ସେମିତି...
ଯେମିତି କାଲି ମୁଁ ନଥିଲି!
କିନ୍ତ ମୁଁ ଭଲ ସେ ଜାଣେକି...
ବର୍ତ୍ତମାନ ସମ୍ପୂର୍ଣ୍ଣ ତହ ମୋର।-
कुछ हालात आप की मनमानी से बने
तो कुछ हमारी नादानियों का कसूर रहा
कुछ असर आपकी बेरुख़ी का रहा
तो कुछ हमारी गलतियों से हुआ
चलो... कोई बात नहीं...
जो हुआ, अछा हीं हुआ ।-
Internet wala pyar, uff internet wala pyar
Ye kuch aisa hi h jaise koi sapno ka rajkumar
Asal m hota hi nhi h
Internet wala pyar-