ये बादल, ये बारिश, ये मौसम ये बहार
तू है तो सब है, बरना सब बेकार ।-
ज़िन्दगी नर्क सी बन गई है ,
यही कहानी हर रोज की बन गई हैं!
सुबह Maths से शाम Reasoning तक पहुचाई हैं,
हमारी पूरी मुस्कान इस कमबख्त GK ने चुराई है!!
Noun से लेकर Adjective तक Error ढूढ़ रहे है, सच बताये तो खुद की शक्ल के लिए Mirror ढूढ़ रहे है!
एक औरत फोटो को इशारा कर रिश्तेदारी समझाती है,
ये कैसी Reasoning है जो दूसरे के घर में ताकाझांकी सिखाती है!
कही नल खुले छूट जाते है तो कही दूध में मिलावट है , सच में वो पागल धारा के विपरीत जाता है या महज दिखावट है!!
क्या जरुरत थी पानीपत के तीन-तीन युद्ध लड़ने की , और वास्कोडिगामा के जहाज को कालीकट से भिड़ने की!
इस तैयारी में कितनी ही बार आँखे भर आई है , अब तो मिल जाये जॉब,उम्र होने को आई है!!
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दर्द दो तरह का होता है
एक आपको
तकलीफ देता है
और दूसरा
आपको बदल देता है।
@dhananjaydecent-
If you love 😍 someone,
you better prove it.
Because love is not a noun to be defined,
But a verb to be acted upon.
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तुम कुछ मत कहना,
लोग कुछ और समझ लेंगे,
बस खामोश रहना मेरे आगे,
हम आंखों से बातें कर लेंगे।।-
सुन तेरी मुस्कान के मोती जितने ज्यादा ये बिखरे,
घटा, समुन्दर, दरिया, पर्वत ये उतने ज्याद बिखरे,
झिलमिल शबनम की खिल जाती लगे फलक आ उतरा हो,
भरे रोशनी नज़र ये तेरी दिये दूर तक जो बिखरे।
खिल जाता है रूप शहर का किरण रंग भर जाती है,
जादू गज़ब देखता हूँ मैं, हवा शोख बह ( flow) जाती है,
असर जेहन में छाने लगता फ़िज़ा महकती है सारी
हिले लवों की पंखुड़ियां जो नज़र से तू मुस्काती है।।
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न जाने क्यू!
तुम बहुत दूर हो कर भी,
मेरे पास रहती थी। ×2
पर आज बहुत पास हो कर भी,
मीलों दूर लगती हो।
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जीने के लिए सहारा नही ढूंढते
मरने के लिए किनारा नही ढूढ़ते
मरना ही है तो वतन के लिये मरो
और जीना भी है तो वतन के लिए जियो।
जय हिन्द
#Dhananjay_dubey-
अब के हम बिछड़े,
तो शायद
ख़्वाबों में मिलेंगे।
जिस तरह
सूखे हुए फूल,
किताबों में मिलेंगे।।😔
@dhananjaydecent-