QUOTES ON #BIRD_LOVER

#bird_lover quotes

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17 AUG 2021 AT 15:13

ऐ इंसानों सुनो
यदि तुम प्रकृति मां को ऐसे ही रुलाओगे
जंगलों को काटोगे
और जानवरों को सताओगे


तो कोरोना कुछ भी नहीं है
अभी इससे भयंकर सजा तुम पाओगे ।

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6 SEP 2021 AT 20:25

इस सूखी-सूखी वसुधा पर , ओ मेघ-मधुर बारिस कर दे
ओ शीतल-सलिल पवन तू सुन ,
वो जो किसान है तड़प रहा , उसके जीवन में खुशहाली भर दे

सूखे से इन खेतों में , ओ प्रकृति तू मरहम भर दे
अपनी शीतल छाया दे कर , फिर से उनको जीवन दे दे

इस बंजर-बंजर वसुधा पर , ओ मेघ गरज बारिश कर दे
चारों तरफ़ है सूखा पड़ा , अब बस तू हरियाली कर दे

वो जो किसान है टूट रहा , अपने सर को वो कूट रहा
उम्मीद लगाए आसमान को , कब से एक टक घूर रहा

है कर्ज चढ़ा उसके सर पर , उस फसल के बीजों को लेकर
उसने अपना खाना देकर
इस सूखी सी वसुधा पर मेहनत कर अपनी उम्मीद का बीज रखा

उसकी उम्मीदों को पूरा कर दे , ओ प्रकृति मां अब बारिश कर दे
उस किसान के मुख मंडल पर जो चिंताओं की रेखा है
आंखों में जो गहराई है चेहरे में जो सच्चाई है

उसने अपनी धरती मां से उम्मीद की आस लगाई है
सूखे पड़े बंजर मन में खुशियों की बारिश कर दे
ओ मेघ गरज बारिश कर दे ।।— % &

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25 AUG 2021 AT 10:50

अदालत में विधाता की
वकालत बड़ी न्यारी है ,,


ख़ामोश रह के कर्म करो
सबका मुक़दमा जारी है ।।

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30 AUG 2021 AT 12:26

है कसम तुझे आंसू सह जा
बनकर पवित्र प्रेम तू
अपनी नीरव गाथा कह जा....

बनकर सौम्य सलिल तू
इस दुखिया वसुधा पर
शीतलता फैलाता बह जा....

बनकर बारिस का नीर तू
इस संत्रस्त सरिता में
कल - कल करता
गायब हो जा....

बनकर मेरा अस्तित्व तू
इस व्यथित मन की
व्यथा को कम कर जा....।

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28 SEP 2021 AT 17:23

पहले लोग भाग रहे थे गांव से शहर की तरफ ,
अब शहरों से गांव में आने की बारी है ।

पेड़-पौधों को काटा नदियों को ढकेला प्रदूषण की तरफ ,
अब प्रकृति का गुस्सा कोरोना के रूप मे जारी है ।


खाना दिया पानी दिया हर रोग का उपचार औषधि दे के दिया ,
प्रकृति ने सब कुछ दिया अब इंसानों तुम्हारी बारी है ।

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22 OCT 2021 AT 23:29

रहती थी जो मानव के दिलों में
वो मानवता कहां गई
आज नन्हीं सी जान एक
भूख प्यास से तड़प तड़प के मर गई ,,

रहती थी जो करुणा दिलों में
वो कहां गुम हो गई
उसको मरता देख
तेरी आंखें भी व्यथित न हुई,,

मरा हुआ देख कर भी अनदेखा कर दिया उसको
मरने के बाद सम्मान का हक उसको क्यों नहीं

कल तक जो गौरैया फुदक रही थी तेरे आंगन में
कल तक जो किलकारी भर के चहक रही थी तेरी बगिया में
आज मरी पड़ी ही वो उसे कोई देखता क्यों नहीं.....😔😔

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4 FEB 2022 AT 17:40

किसी की आरजूओं को घर मिला
किसी की हसरतें बेघर हुईं ।— % &

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15 APR 2022 AT 21:04

Save Mother Nature 🌳🕊️

""प्यार करो प्रकृति मां से""

इसके आगे तो प्रियतम का यौवन भी फीका पड़ जायेगा
है ईश्वर का रूप यही और यही अल्ला कहलाएगा ।।।।

Please
see in
the captain
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27 MAR 2022 AT 23:31


Protcet our feathered friends ! Save Birds 🕊️









कृपया नीचे देखें
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23 FEB 2022 AT 23:52

जैसे जैसे मानव ने अपना विकास किया ,
वैसे वैसे उसने प्रकृति का विनाश कर दिया ।— % &

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