अंजाम-ए सफर मंजिल की चाह थी
दौरान-ए सफर हर मोड़ पर आह थी।-
ख्वाहिशों की कस्ती लिए
प्यार भरे समंदर में यूँ ही निकले थे
उसकी बेरुखी के बाढ़ ने सारी हसरतें डुबो दी।-
From solving each other's math problems
To solving each other's life problem
We have grown up altogether
😍❤️😍-
मेरे दिल के दहलीज को इस कदर लांग गई,
जिंदगी तो नहीं पर जीने की वजह मांग गई,
हमारे रूह के पन्ने में इस कदर बसी हुई है वो,
आँखें खुली तो सामने और बंद हुई तो सपनो में आ गई।-
उसे पहली नजर देखा तो लगा
अगर यह मिल जाये तो दुनिया जीत लूंगा
अफशोस नहीं मिली वो
अब दुनिया जितने चला हूँ
फिर शायद वो मिल जाये।-
सपने जितने साथ बटोरे थे वो सारे बिखर रहे हैं
वो प्यार के पौधे जो हमने लगाएं थे वो भी उखड रहें हैं।-
वो कहती है,
तुम शायर हो न मैं तुम्हारी शायरी बन जाउंगी
तुम कुछ लिख कर तो देखो मैं तुम्हारी डायरी बन जाउंगी
तुम प्यार से कुछ दीपक जलाओ तो सही
मैं मोह्हबत से तुम्हारी दीपावली बन जाउंगी।-
अल्फ़ाज़ों की बस्ती से कुछ शब्द चुरा लाएं हैं
तेरी होठों की मुस्कुराहट पर एक नज्म बना लाएं हैं।-
Watched many films with her but doesn't know story of any of those film beacause every time there was something more beautiful than movie in theater.
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