ना ज़मीं से,
ना आसमाँ से,
तुम बदल रहे हो जहां से,
आए हो कहां से,
जाना हैं कहां पे,
बीच के सफर में,
घबराए हो इन्सां से,
जो बचा रेह गया "कुछ",
कब पहुँचोगे वहाँ-"सब कुछ हैं हमी से",
दर्द की टीस से,
लहू के सिंदूर से,
डगमगाता हैं शहर,
अपने ही गुरुर से,
हस पडो तुम,
चल पडो,
सब जुड़ा हैं ज़मीर से,
भरो दरारों को,
अपने ही उसूल से,
किसी संत ने कहां है ये,
उठो तुम अमीर से,
रहो तुम गरीब से,
मत बदलो ज़माने से,
बदल दो ज़माने को
अपनी नजर से,
चल पडो तुम,
उठ चलो,
ना आस्मा से,
ना ज़मी से,
बदल दो अपनी किस्मत
"खुद ही से"!!
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तपते मरु से चलते हुए,
घनघोर वनों को चीरते हुए,
समंदर को लाँघते हुए,
जब आ ही गये हो यहाँ तक,
तो अब सोचना क्या।
सामने मंज़िल है,
अब हारना हौसला क्या।
गर्म है लोहा,
मार आख़िरी हथौड़ा।
तेरे प्रयास में किंचित् सी कमी है,
देख मंज़िल तेरे सामने खड़ी है।
एक हाथ बढ़ा,
और पहुंच जा वहाँ,
जहाँ की धुन तुझे चढ़ी है।
-राकेश"साफिर"✍️-
मजबूत है?
मजबूत है क्या मेरे हौसले जितना
परिस्थिति (समय) से कहो मेरा वक्त न जाया करे ।।
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यह और बात है के वो रुका नहीं
वरना साथ चलने का हौसला हम में कम न था-
कहदे जो ख़ामुशी को वो अंदाज़ ढूँढती हूँ,
मैं इन ग़मों के वास्ते आवाज़ ढूँढती हूँ,
ऐसी लिखूँ ग़ज़ल जो दिल की बात बयाँ कर दे ,
भटकी हूँ दर-ब-दर के मैं अल्फ़ाज़ ढूँढती हूँ।
जो दिल के तार छेड़ दे मैं गीत ऐसा इक कहूँ,
संगीत ढूँढती हूँ ऐसा 'साज़' ढूँढती हूँ।
तुमने क्या साथ छोड़ा, तुमने इंतेहा न छोड़ी,
उस इंतेहा में मैं नया आग़ाज़ ढूँढती हूँ।
कहते हैं बेवजह यहाँ होता नहीं है कुछ भी,
हर हादसे में मैं कोई ऐजाज़ ढूँढती हूँ।-
हौसला रख़ ए वक्त के मुसाफ़िर,
ये जो आईना तेरे तालीम की गवाह बना हैं,
उसे जरूर एक दिन तुझपे फक्र होगा।-
जब धूप लगे तो छांव बन जाते है पापा,
बिना सिखाये,सब कुछ सीखा जाते है मेरे पापा..
मौन रहकर भी सब बता जाते है पापा,
जब छूटने लगे उम्मीदों का साथ
तब हौसला बढ़ा जाते है मेरे पापा..
मुश्क़िल वक्त में ढाल बन जाते है पापा
जब खिलौना न हो ख़ुद खिलौना बन जाते है पापा..
जो भी कुछ आज हूँ मैं आप की वज़ह हूँ पापा,
आज डॉक्टर बन पाया हूँ आपकी मेहनत है मेरे पापा..
आप ही मेरी ताकत, मेरी पहचान है पापा,
उनके बिना मैं कुछ नहीं मेरे लिए भगवान है मेरे पापा..
हर मुश्क़िल वक्त के लिए आशीर्वाद है पापा,
इसलिए कहता हूं महान है मेरे पापा..!
धरती पर ईश्वर का दूसरा रूप है मेरे पापा..🙏
🙏Happy father's day 🙏-
जिंदगी का काम है ठोकर मारना, उसने मार दी,
बिखरना है या निखरना है, ये तुम पर है,
हवा को आता है हुनर, जलाने का भी और बुझाने का भी,
रौशन होना है तुम्हे या राख होना है, ये तुम पर है।-
हे महादेव जी
जब जब लगा मैं डूबा तेरे बिन,
हाथ पकड़े दिखा लगा मेरे संग।-