QUOTES ON #लावणी

#लावणी quotes

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17 NOV 2022 AT 12:20

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17 DEC 2020 AT 16:31

बुगडि मोत्याची
चमचमती सुंदर
बेधुंदित पायी
छुमछुमती घुँगरं..

वादळ झिंगुनी
बिलगतया अंगात
मनी या अल्लड
रिमझिमती अंबर..

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23 FEB 2020 AT 12:01

मुखड्यावर आधारित....

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15 AUG 2021 AT 17:45

आजादी ने रंग बिखेरे, जन भारत खुशहाल हुआ।
छोड़ शत्रुजन प्राण बचाते, घर मेरा ननिहाल हुआ।।

गंगा यमुना तट पर साधे, तीर सभी शमशीरों ने।
स्वतंत्रता की क्रांति जगाने, प्रण दिलवाया वीरों ने।।
तिलक लगाया इस माटी का, राष्टृमयी सुर ताल हुआ।
आजादी ने रंग बिखेरे, जन भारत खुशहाल हुआ।।

शतक यातना नित सहते थे, अडिग हौसला कारण था।
कतरा-कतरा लहू बहाकर, स्वतंत्र स्वप्न मन धारण था।।
एक बार जो जंग छिड़ी फिर, दिवस महीने साल हुआ।
आजादी ने रंग बिखेरे, जन भारत खुशहाल हुआ।।

भगतसिंह आजाद क्रांति के, सुत्रधार सिरमौर बने।
बापूजी के संग सुभाषी, सैन्य लिए प्रण कौर तने।।
हँसते-हँसते प्राण निछावर, जन-जन का ये हाल हुआ।
आजादी ने रंग बिखेरे, जन भारत खुशहाल हुआ।।

नाम अनेकों दफन हुए है, इस जंग भरी किताब में।
लहर उठी जन आहुति देने, गिनती नहिँ है हिसाब में।।
घुटने टेके अंग्रेजो ने, शीर्ष धरा का भाल हुआ।
आजादी ने रंग बिखेरे, जन भारत खुशहाल हुआ।

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5 JAN 2020 AT 17:17


गीतिका लावणी छन्द

भारत माँ की संतानों को ,कदम बढ़ाना ही होगा।
कर्तव्यों का पालन करके ,वचन निभाना ही होगा ।।

विपदा बाहर से आये तो,उसको हम पार लगाते।
घर के भी गद्दारों को अब ,मार भगाना ही होगा ।। 

आयुष्मान योजना का अब ,बुरा हाल होता देखो ।
रहें नाम फर्जी है उसमें ,दंड दिलाना ही  होगा ।।

भ्रष्टाचार योजना चलती ,नाम गरीबों पर खाते ।
सुधारने  को सड़ी व्यवस्था ,जोर लगाना ही होगा ।।

साथ युगपुरूष का जब रहता,कदम बढ़े सच्चाई से
एक अकेला क्या कर सकता ,साथ निभाना ही होगा।

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29 AUG 2020 AT 9:34

सांजवून आलंया रातराणी गंधळली
धीर असा सोडू नका
हो राया तुम्ही अगतिकतेत वाहू नका...!

शितल हे चांदणे, यौवनाला आला बहर
मंद मंद गार गार वारा गुंजला कहर
हात माझा धरू नका...!
हो राया तुम्ही...........

शहारले अंग गोरागोमटा मधाळ रंग
झाला तो बघा गुलाबी,संयम का पाहता
थोड ऐका मिठीत मज घेऊ नका...!!
हो राया तुम्ही............

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14 FEB 2019 AT 9:03

मैं म्हारी ने कियो आज्या,
आपा वेलेंटाइन डे मनावा,
चाला खेत में दोनु,
लावणी करता करता मनावा।

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12 JUL 2020 AT 23:53

सबको सबका हिस्सा बाँटो, छोड़ चलो कब्जेदारी।
नहीं अकेले पच पायेगा, है सबका हिस्सा भारी।।

केवल उन पशुओं को पाला, जो तलवे तेरे चाटे।
छीन लिया घरबार उसी का, जो लाभ न तुझको बाँटे।।
जैसे धरती तेरी माता, औरों का नाता वैसे।
एकमेव मालिक बन बैठा, अधिकार सभी के काटे।।
माँ धरती भी नहीं सहेगी, मत छीनो सबकी थारी।
सबको सबका हिस्सा बाँटो, छोड़ चलो कब्जेदारी।

सीमेंटो का जंगल फैला, खा पी करके हरियाली।
निर्मल धारा नदियों की भी, हो गई पाप से काली।।
देखो मलय समीर बनी है, जहरीली जैसे विषधर।
छाई बगिया में बीरानी, जब हुआ लुटेरा माली।।
नाश नहीं कर इस दुनिया का, है अपनी पालनहारी।
सबको सबका हिस्सा बाँटो, छोड़ चलो कब्जेदारी।।

क्रोध प्रकृति का जब जागेगा, सर्वनाश ले आयेगा।
अहंकार यह मानव तेरा, सर से झटका जायेगा।।
चेतो अब भी समझ इशारा, और नहीं समझायेगी।
लाचार खड़ा तू देखेगा, हाथ नहीं कुछ आयेगा।।
जैव विविधता को अपनाओ, दे करके भागीदारी।
सबको सबका हिस्सा बाँटो, छोड़ चलो कब्जेदारी।।

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12 APR 2020 AT 15:57

नमन
*लावणी छन्द16,14*
*समान्त आना ,पदान्त ही होगा*

भारत माँ की संतानों को ,कदम बढ़ाना ही होगा।
कर्तव्यों का पालन कर हर,वचन निभाना ही होगा।।

विपदा बाहर से आये तो,खत्म उसे कर देंगे पर,
घर के भी गद्दारों को अब ,मार भगाना ही होगा ।

आज कहर टूटा है जग में,मौत खड़ी दरवाजे पर,
देख तनिक अंतर्मन में अब,अलख जगाना ही होगा।

पूरी रचना कैप्शन मे

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28 JUN 2021 AT 22:48

‌लावणी (हायकू)

लोकवंतांची
शान महाराष्ट्राची
असे लावणी..

सौंदर्यवती
भुरळ पाडते ती
लावण्यवती

ठसकेबाज
लावणीचा तो तोरा
झुंजार वारा...

(कृपया ही रचना caption मध्ये वाचावी🙏)

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